त्योंथर सिविल अस्पताल में मरीज की मौत पर परिजनों ने किया हंगामा
नर्स को हटाया, बीएमओ सहित दो चिकित्सकों को थमाया नोटिस
त्यौंथर ब्यूरो _ कांग्रेसी नेता कमांडो अरुण गौतम तराई स्थित त्योंथर सिविल अस्पताल में मरीज के उपचार में हीलाहवाली के चलते हुई मौत को लेकर परिजनों के साथ एसडीएम आवास घेराव करते हुए धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। आरोप है कि अस्पताल में मरीज को समय रहते देखा नहीं गया और छुआछूत का भी आरोप लगाया गया है। कुछ देर बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से मिलकर आश्वासन के बाद मामले को शांत कराया गया। जिसके बाद आक्रोशित परिजन घर वापस लौट गये। जानकारी अनुसार चुनरी निवासी राजकुमार आदिवासी ने अरोप लगाया है कि उसके पिता हेतलाल आदिवासी को उल्टी दस्त की शिकायत थी। हालत बिगड़ने पर मरीज को उपचार के लिए त्यौंथर सिविल अस्पताल लाया गया लेकिन अस्पताल में उस वक्त कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। बताया गया कि अस्पताल परिसर में ही बने एक कक्ष में मौजूद डॉक्टर बीएमओ को बुलाया गया लेकिन तो उन्होंने पहले तो मरीज के परिजनों को फटकार लगाई जिसके बाद बिना मरीज को छुए ही उन्होंने उसका उपचार शुरू किया। अस्पताल के चिकित्सकों पर मृतक के परिजनों ने सीधा आरोप लगाते हुए बताया कि आदिवासी होने के कारण चिकित्सकों ने छुआछूत
मानते हुए दूर से ही उपचार किया जिसके चलते मरीज के उपचार में देरी होने के कारण उसकी मौत हो गई।
एसडीएम आवास का किया घेराव
मरीज की मौत से आक्रोशित परिजनों ने कमांडो अरुण गौतम के साथ एकजुट होकर एसडीएम आवास के गेट में पहुंचे और शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। उनकी मांग थी कि लापरवाह डॉक्टर समेत नर्स पर कार्यवाही की जाय। जिसके बाद प्रथम जांच में नर्स प्रीतू मिश्रा को त्योंथर सिविल अस्पताल से हटा दिया गया है। वहीं बीएमओ डॉ. आरके पाठक, चिकित्सक डॉ. अखिलेश सिंह और डॉ. श्याम बिहारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
गंभीर हालत में लाया गया था मरीज
मामले को लेकर त्योंथर सिविल अस्पताल के
स्टाफ का कहना है कि सुबह करीब 7.15 बजे
मरीज को गंभीर हालत में लाया गया था जिसे भर्ती
के बाद चिकित्सकों को जानकारी दी गई। उस बीच
चिकित्सक अन्य वार्ड और मरीजों का इलाज करने
में जुटे हुए थे। तत्काल ही चिकित्सक
मरीज के पास पहुंचे और नर्स को इंजेक्शन तैयार
करने को बोला। जब तक कि इंजेक्शन लगाने की
नौबत आई तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। 15
मिनट में ही गंभीर हालत में भर्ती कराये गये मरीज
की मौत होने से आक्रोशित परिजनों ने हंगामा शुरू
कर दिया। बताते हैं कि उक्त मरीज उल्टी-दस्त के
कारण भर्ती कराया गया था।

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