जनपद पंचायत सिरमौर के पूर्व सीईओ एसके मिश्रा द्वारा सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की डबल बेंच में दायर रिट अपील को न्यायाधीशों ने निरस्त कर दिया।
उक्त आशय के संदर्भ में सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी के वकील शशिभूषण उपाध्याय ने पत्रकार वार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि सिरमौर के तत्कालीन सीईओ एसके मिश्रा केपी त्रिपाठी के खिलाफ न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सिरमौर के न्यायालय में भारतीय दण्ड विधान की धारा 120B, 341, 342, 294 का परिवाद प्रस्तुत किया था जिस पर न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सिरमौर ने संज्ञान ले लिया था जिसके विरुद्ध माननीय सेमरिया विधायक ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सिरमौर के आदेश को चुनौती दी थी जिस पर न्यायमूर्ति माननीय संजय द्विवेदी जी द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सिरमौर के आदेश को निरस्त करते हुए पूरी की पूरी कार्यवाही को ही समाप्त करने का आदेश पारित किया था। तत्कालीन सीईओ एसके मिश्रा ने माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के डबल बेंच में रिट अपील क्रमांक 697/2023 प्रस्तुत किया था जिस रिट अपील को माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के न्यायमूर्ति श्री अमरनाथ केसरवानी एवं श्री शीलनागू द्वारा दिनांक 21/9/2023 को प्रचनशीलता के बिंदु पर ही निरस्त कर दिया है। केपी त्रिपाठी की तरफ से उच्च न्यायालय में एड० संजय के अग्रवाल तथा एड० सिद्धार्थ शर्मा ने पैरवी की।
माननीय न्यायाधीशों के आदेश से स्पष्ट है कि तत्कालीन सीईओ एसके मिश्रा ने सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी के खिलाफ द्वेषपूर्ण राजनीति से प्रेरित होकर षडयंत्र रचा था।
वाइट:एडवोकेट शशिभूषण उपाध्याय
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