जवा तहसील के फिनो पेमेंट बैंक के संचालकों के मनमानी से उपभोक्ता हो रहे परेसान।
पैसे निकालने के एवज पर यूबीआई बैंक के सामने ही 10 रुपये हजार से 20 रुपये हजार
तक उपभोक्ताओं से बसूला जाता पैसा है
एलडीएम आर के सक्सेना जी ने कहा कि उपभोक्ताओं से पैसा लेने एवं नियुक्ति स्थान पर नही होने पर करे एफआईआर।

जवा/ पूरे जिले में जिस ओर देखा जाय भ्रस्टाचार चरम पर है और उपभोक्ता इसका शिकार होता जाता है लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नही है। इसी तरह भरस्टाचार का मामला फिनो पेमेंट बैंक के संचालकों के द्वारा किया जा रहा जिसका शिकार गरीब असहाय, एवं किसान हो रहे जो पैसा निकालने के एवज में पैसा दे रहे है। कहा जाता है कि बैंक में हर उपभोक्ता के पैसा सुरक्षित है और जहा से गरीब अपने अबश्यक्तानुसार निःशुल्क पैसे निकाल और डाल सकते है लेकिन आये दिन उपभोक्ताओं द्वारा शिकायते आ रही है कि जब से प्राइवेट फिनो पेमेंट बैंक का संचालन हुआ है तब से उपभोक्ता परेसान है जबकि शासन ने असहाय गरीव, गांव के किसानों जो बैंक तक नही पहुच पाते है उनके सुविधा के लिए फिनो पेमेंट बैंक की अनुमति दी गयी है लेकिन ऐसा कही भी देखने को नही मिल रहा है फिनो वाले गांव में जाकर अपनी सेवाएं दे रहे है तहसील जवा में जितने भी नियुक्ति हुई है वो सभी संचालक बैंक के आसपास ही अपनी अपनी दुकान लगाकर बैठे रहते है जिसकी शिकायते पहले भी आ चुकी है कि फिनो पेमेंट संचालकों द्वारा कभी ज्यादा पैसा निकालकर उपभोक्ताओं को कम देना ,या अंगूठा लगवाकर सर्वर नही है कहकर वापिस करना, बाद में पैसे का गोलमाल करने की शिकायते आ चुकी है।
इतना ही नही इनके द्वारा बैंक के सामने ही अपनी अपनी दुकाने लगा कर खुले आम उपभोक्ताओं से 10 रुपये हजार से लेकर
20 रुपये हजार तक लिया जा रहा है जब उनसे कहा पूछा जाता है कि ये उपभोक्ताओ से पैसे क्यो लिया जा रहा है तो उनका जवाव होता है हम प्राइवेट वाले है पैसा लगे। इसी तरह से वहां पर मौजूद फिनो पेमेंट बैंक के संचालक बंटू गुप्ता का कहना है कि जो करना हो कर लो हम लोग प्राइवेट वाले है यूनियन बैंक हमे पैसा नही देता है ।
हम स्वतंत्र है हमारी मर्जी चाहे जो करे। जब उनसे सवाल किया जा रहा था तब बंटू गुप्ता की बहिन और उसकी मा द्वारा 100 नंबर की धौस दिखाई जा रही थी चोरी और सीना जोरी की।
उन्हें नही मालूम की चाहे कोई प्राइवेट बैंक हो या सरकारी किसी उपभोक्ता से पैसा लेने का कोई हक नही हैं ऐसा करने पर जेल भी भेजा जा सकता है।।
जहा पर यूबीआई बैंक के शाखा प्रवन्धक मोहन जी का कहना है कि किसी भी फिनो संचालक को किसी उपभोक्ता से पैसे लेने का अधिकार नही है बैंक का नियम सभी के लिए एक समान होता है चाहे प्राइवेट हो या सरकारी बैंक।
जब इस संबंध में यूबीआई बैंक के एलड़ीएम आर के सक्सेना जी से जब बातें की गई तो उनका कहना है कि किसी भी फिनो संचालक द्वारा किसी उपभोक्ता से पैसा नही लिया जा सकता है उनकी नियुक्ति ही गरीब,असहाय गांव के किसानों के सुविधा के लिए की गई है ताकि उन्हें गांव में ही पैसे मिल जाये,यदि किसान असहाय लोग 10 से 15 किलोमीटर का सफर तय करके बैंक तक आ जाते तो उन्हें क्या सुविधा मिली, वो तो बैंक से ही पैसे ले सकते है इसलिए जिनकी जहा नियुक्ति हुई है वो वही रहकर कार्य कर सकता है न कि बैंक के पास ।
यदि बैंक के सामने फिनो पेमेंट बैंक वाले दुकान लगाते है या उपभोक्ताओं से पैसे लेते है तो उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।
जहा पर जवा थाना प्रभारी महोदय और यूबीआई बैंक के शाखा प्रवन्धक से ऐसे फिनो संचालकों पर दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग की गई