वनकर्मियों के द्वारा आदिवासियों महिलाओं के साथ की गई अत्याचार पर पनवार पुलिस द्वारा कार्यवाही नही किये जाने पर एसपी रीवा से लगाई गई न्याय की गुहार।
लोकेशन-रीवा
एंकर- रीवा जिले के पनवार थाना अंतर्गत कल्याणपुर में दिनांक 18 नवंबर 2025 को रात्रि करीब 7:00 बजे के आसपास वन अमला डभौरा एवं अतरैला के द्वारा प्रार्थिया रीना कोल के अंदर घुसकर महिलाओं के साथ मारपीट करते हुए घसीट कर अपनी गाड़ी में बैठाया गया था।
कारण पूछने पर वन अमले के द्वारा बताया गया कि हम लोगों को सूचना मिली है कि वन सुअर का शिकार तुम लोगों के द्वारा किया गया है जबकि प्रार्थिया के घर में किसी भी प्रकार का सूअर का कोई अवशेष मांस बरामद नहीं हुआ तथा प्रार्थिया द्वारा यह भी कहा गया कि मेरे यहां मांस नहीं बनी है इसके बावजूद भी वन कर्मियों का दमन बंद नहीं हुआ।
महिलाओ के साथ वनकर्मी रक्षक अनिल तिवारी व अन्य वनकर्मियों के द्वारा मारपीट, गाली गलौज, जातिसूचक शब्दो का प्रयोग करते हुए महिलाओ को घसीट कर गाड़ी में बैठाया गया और रात्रि 9 बजे घर से कई किलोमीटर दूर सुनसान जंगल में छोड़ दिया गया। जिन पर वन कर्मियों द्वारा किए गए मारपीट के कई चोट के निशान है।
जिसकी शिकायत पनवार थाने में लिखाई गयी है बावजूद पनवार थाना प्रभारी द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है जिस बजह से वन अमले का आतंक से आज भी जारी है
जिनके आतंक से प्रार्थिया का पूरा परिवार सदमे में है।
प्रार्थिया रीना कोल सहित कई महिलाओ ने महिला थाना और रीवा एसपी को आवेदन देकर सही जांच कर दोषी वन रक्षक अनिल तिवारी सहित अन्य वनकर्मियों विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही की गुहार लगाई है।
वही महिलाओ के साथ हुए क्रूरता को देखते हुए अखिल भारतीय जनवादी समिति की मध्यप्रदेश की अध्यक्षया एडवोकेट अंजना कुरलिया ने कहा कि ये तो महिलाओ के साथ सरासर अन्याय है और औरतों के साथ अत्याचार है हम जनवादी महिला इसका विरोध करते है और मांग करते है कि दोषी वनकर्मियों के खिलाफ अपहरण, मारपीट महिला उत्पीड़न की धारा लगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बात गंभीर है एक तरफ सरकार महिलाओ को लाडली बहना कहती है उनके उत्थान की बात करती है उनके सशक्तिकरण की बात करती है। दूसरी तरफ वन विभाग के कर्मचारी उनके घरों में घुसकर अत्याचार कर रहे है लेकिन कोई कार्यवाही नही हो रही है।
यानी सरकार का दोहरा रवैया है।











