नर्मदा
नर्मदा के रूपपुरा गाँव में मंदिर के बहार बैठकर शिक्षा प्राप्त करने के लिए बने मजबूर, क्या इसी तरह पढ़ेगा गुजरात...?
स्कूल बिना शिक्षा हासिल करने के लिए बच्चे भगवान के भरोसे पर, क्या इसी तरह पढ़ेगा गुजरात...?
यहां तक कि गांव में आंगनवाड़ी भी बहुत खराब स्थिति में होने से छोटे छोटे बच्चे भी भगवान भरोसे पर।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर बच्चे को शिक्षा मिले और हर बच्चा भविष्य में देश की प्रगति में भाग ले सके, इसके लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं लागू की जाती हैं और इन योजनाओं के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपये का अनुदान भी आवंटित किया जाता है लेकिन अक्सर कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस अनुदान का लाभ अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाता है. हाल ही में कुछ समय पहले हमारे स्ववाददाता ने तिलकवाड़ा के खरौड गांव की मुलाकात ली तो वहै स्कूली बच्चे नीम के पेड़ के नीचे बच्चे शिक्षा प्राप्त करते दिखाई दिए थे। ऐसे में दूसरी एक स्कूली बच्चे मंदिर के आंगन में बैठकर शिक्षा प्राप्त करते दिखाई दिए है।
यह घटना नर्मदा के तिलकवाड़ा तहासिल के रूपपुरा गांव की है, इस गांव का प्राइमरी स्कूल जर्जरीत हालत में था इसी वजह से स्कूल को तोड़ दिया गया था. लेकिन आज एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद भी यह स्कूल बनाया नहीं गया है. यह तक कि यह स्कूल को बनाने का काम भी शुरू नही हुवा है। बारिश हो या गर्मी, बच्चे मंदिर के बरामदे पर बैठकर शिक्षा हासिल कर रहे हैं, क्या गुजरात ऐसे पढ़ेगा गुजरात....?
वहीं दूसरी ओर गांव की आंगनवाड़ी भी अंदर से पूरी तरह से टूटी हुई स्थिति में है, यह तक के जमीन पर बैठने की स्थिति में भी नहीं है, ऐसी स्थिति में छोटे-छोटे बच्चे भगवान भरोसे पर हो ऐसा लग रहा है तो क्या ऐसे ही पढेगा गुजरात.... ?
लेकिन बात यह है कि एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है और ग्रामीणों एवं शिक्षकों द्वारा बार-बार विद्यालय निर्माण के लिए मांग की गई है, लेकिन उच्च अधिकारी इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं और विद्यालय का निर्माण नहीं हो रहा है, जिसके कारण काफी समय से स्कूल का निर्माण नहीं हो रहा है। बच्चे मंदिर के बरामदे पर बैठकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। तो क्या ऐसे पढेगा गुजरात...? एक तरफ सरकार नारा दे रही है कि सभी पढ़े सब आगे बढ़ें, वहीं दूसरी तरफ अधिकारी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. तो क्या इसी तरह पढ़ेगा गुजरात...?
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