आदिवासी महिला के पुकार से आखिरकार प्रशासन ने मानी हार
नीरू त्रिपाठी (के पी त्रिपाठी के सगे भाई), मनीष शुक्ल सिद्धू (के पी त्रिपाठी के बिजनस पार्टनर) पर दर्ज करनी पड़ी एफ आई आर
कल दिनांक 15 नवंबर को रात्री 9 बजे के करीब बरा कोठार ग्राम के समीप सुन्दरिया आदिवासी समेत तीन आदिवासी महिला एक जन सभा से लौट रही थी। तभी उनके सामने से एक सफेद बोलेरो गाड़ी मे मनीष शुक्ल उर्फ सिद्धू एवम् नीरू त्रिपाठी समेत 4 लोग लोहे के रॉड और हॉकी डंडे से उनका रास्ता रोक सुन्दरिया आदिवासी समेत तीन आदिवासी महिलाओं पर हमला कर दिया। हमले मे गाड़ी का शीशा तोड़ते हुए आदिवासी महिलाओं पर रॉड, डंडे मुक्के से मारना शुरू कर दिया। दर्ज रिपोर्ट के अनुसार आरोपी व्यक्तियों ने सुन्दरिया आदवासी समेत अन्य आदिवासी महिलाओं को मा की गालियां देते हुए जान से मारने की कोशिश की। आदिवासी महिलाओं के ड्राइवर ने सूझ बुझ दिखाते हुए उन्हे साइड से निकाल उन्हे विश्वविद्यालय थाने पर पहुंचाया, जहां उनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही थी और वो वहाँ बेहोश गिरी पड़ी थी । आरोपियों ने निकलते समय यह भी धमकी डी की इस इलाके दुबारा दिखाई देने पर उन्हे जान से मार देंगे।
पूर्व मे भी सुन्दरिया आदिवासी पर भाजपा प्रत्याशी के पी त्रिपाठी करवा चुके हमला
सुन्दरिया आदिवासी ने अपने पूर्व बयान मे बतलाया था की विधायक के पी त्रिपाठी लगातार उनकी प्रताड़ना कर रहे हैं एवम् एक बार उन्हे मार के अधमरा कर दिया गया था और जल के मार देने की कोशिश की गई थी। परंतु उस समय प्रशासन विधायक के दबाव मे कोई भी कारवाई नहीं की थी। सुन्दरिया आदिवासी ने कहा उनकी गलती सिर्फ यही थी की वो सामान्य सीट से जिला पंचायत सदस्य चुनी गई और आदिवासी समाज उनकी इज्जत करता है। इस बात से खुन्नस खाए विधायक एवम् वर्तमान मे भाजपा प्रत्याशी के पी त्रिपाठी लगातार उन्हे कै तरीकों से प्रतारित करते आए हैं।
अभय मिश्रा अपने समर्थकों के साथ पहुंचे घटनास्थल पर
सेमारिया से काँग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा को इस बात की जानकारी प्राप्त हुई तो वो अपने समर्थकों एवम् आदिवासी समाज के प्रभुत्व लोगों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। उन्हे सारे विषय का जायज लिया और प्रशासन के उछ अधिकारियों से अविलंब कार्यवाही करने की मांग की। शुरुआत मे प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से न लेते हुए कार्यवाही करने से कतराते दिखे। परंतु अभय मिश्रा के साथ आदिवासी समाज के प्रभुत्व लोगों ने मांग उहाई तो देर रात 12 बजे के बाद प्रशासन द्वारा मनीष शुक्ल सिद्धू एवम् नीरू त्रिपाठी पर नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई।
मनीष शुक्ल सिद्धू ने सुबह मे ही पूर्व सरपंच से की थी मार पीट
15 नवंबर के सुबह मे ही शहर के चोरहटा थाने मे मनीष शुक्ला सिद्धू पर पूर्व सरपंच मनोज शुक्ला द्वारा नामजद रिपोर्ट दर्ज कारवाई गई थी। जहां पर सरपंच द्वारा खराब हंद पम्प की शिकायत की गई तो मनीष शुक्ला सिद्धू ने अपने गुंडों के साथ मनोज शुक्ल पर हमला बोल दिया जहां उनके आँख और सिर पर चोट आई थी। इस मामले की सुबह मे ही चोरहटा थाने मे नामजद रिपोर्ट दर्ज कारवाई गई थी परंतु प्रशासन की तरफ से कोई कारवाई नहीं की गई। अगर समय रहते कार्यवाही हो जाती तो अभी आदिवासी समाज की महिलाओं पर जानलेवा हमला नहीं होता।
पूर्व मे भी रह चुका है आरोपी
मनीष शुक्ला सिद्धू का अपराध का ऐतिहासिक रिकार्ड रहा है। आरोपी सेमरिया के बहुचर्चित सीईओ मार पीट कांड का मुख्य आरोपी रहा है, जब टेन्डर कान्ट्रैक्ट के कमीशन एवम् भ्रस्टाचार के चलते आरोपी द्वारा सिरमौर जनपद सीईओ एस के मिश्रा पर जानलेवा हमला किया गया था। जिस मामले मे आरोपी अभी जबलपुर हाई कोर्ट से जमानत पर बाहर है। उक्त मामले मे मौजूदा विधायक के पी त्रिपाठी का औडियो भी वाइरल हुआ था जहां पर वो सीईओ को धमकी देते हुए सुने जा रहे थे। इस मामले की चर्चा भोपाल से लेकर दिल्ली तक हुई थी।
विधायक के पी त्रिपाठी के कृपया पात्र हैं सिद्धू, दिया गया करोड़ों का टेन्डर
मनीष शुक्ला सिद्धू पूर्व मे भाजपा के मण्डल अध्यक्ष भी रह चुके हैं और विधायक के पी त्रिपाठी के कृपा पात्र भी। विधायक के पी त्रिपाठी के कार्यकाल मे मनीष शुक्ला सिद्धू की कंपनी एवम् उनकी माँ के नाम से वेदन्ती कन्स्ट्रक्शन कंपनी को पंचायत विभाग के कार्य मे करोड़ों का टेन्डर दिया गया है। टेन्डर एवम् निर्माण कार्य मे व्याप्त भ्रस्टाचार के मामले को आप नेता एवम् आरटीआई ऐक्टिविस्ट प्रमोद शर्मा ने प्रेस कान्फ्रन्स कर उठाया था की कैसे सिद्धू को करोड़ों का टेन्डर दिया गया और बिना निर्माण कार्य के उनके बिल पास करवा दिए गए। परंतु इस विषय पर भी प्रशासन ने कोई आजतक कोई भी कारवाई नहीं की।
देर रात यह मामला उठने पर भी प्राप्त जानकारी के अनुसार मनीष शुक्ला सिद्धू एवम् भाजपा प्रत्याशी के पी त्रिपाठी के सगे भाई नीरू त्रिपाठी पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। दोनों रात से ही फरार चल रहे हैं। इस घटना को लेकर आदिवासी समाज मे व्याप्त रोष है, उनका कहना है की अगर प्रशासन ने समय रहते कार्यवाही की होती तो आज आदिवासी समाज की महिलाओं पर जानलेवा हमला नहीं होता। साथ ही आदिवासी समाज के लोगों ने कहा की किसी भी पुरुष द्वारा महिला पर हमला करना वो भी अपने साथ गुंडों द्वारा घेर कर लोहे रॉड और हॉकी डंडे से जानलेवा हमला करना यह अत्यंत ही घृणित कार्य है और सभी ने आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है।



















