शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025

ब्राह्मणवाद एवं जातिवाद से हटकर गरीबों के मसीहा कमांडो अरुण गौतम।

 ब्राह्मणवाद एवं जातिवाद से हटकर गरीबों के मसीहा कमांडो अरुण गौतम।



जब तक सूरज के हत्यारों को सजा नहीं मिलती कमांडो चुप नहीं बैठेगा ये है कमांडो का संकल्प l 

हत्यारे ने बुझा दिया मोहन लाल मिश्रा का इकलौता चिराग इस दुनिया से डूबा दिया 27 वर्षीय सूरज दिल दहला देने वाली इस घटना से जन जन में आक्रोष है जनता का कहना है की जाति चाहे कोई हो धर्म चाहे जो हो जब जब किसी के ऊपर अत्याचार और अन्याय हुआ है तब तब ये ब्राह्मण कुल में जन्मे ब्राह्मण शेर कमांडो अरुण गौतम ने जम कर मुक़ावला किया है l ऐसी घटना किसी भी जाति धर्म के गरीबों के साथ होगा तो ये त्यौंथर का शेर चुप नहीं बैठेगा। 


अरुण गौतम: एक अकेली आवाज़ जो सूरज के लिए उठी।

सीधी जिले के रिमारी गांव में ब्राह्मण युवक सूरज की हत्या ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। लेकिन इस दर्दनाक घटना के बाद जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात सामने आई, वह थी—सन्नाटा। सन्नाटा नेताओं का, सन्नाटा जनप्रतिनिधियों का, और सन्नाटा उन लोगों का जो खुद को ब्राह्मण समाज के ठेकेदार कहते हैं।

जब सूरज की हत्या हुई, तब न कोई विधायक आया, न कोई मंत्री, न कोई क्षेत्रीय नेता। न रीति पाठक, न अजय सिंह राहुल, और न ही प्रदेश के मुखिया। लेकिन एक नाम था जो इस सन्नाटे को चीरता हुआ सामने आया—कमांडो अरुण गौतम।

अरुण गौतम सिर्फ एक कमांडो नहीं हैं। वह एक संवेदनशील नागरिक हैं, जिनके भीतर न जाति की दीवार है, न किसी बात का घमंड। सूरज की हत्या की खबर मिलते ही उन्होंने न केवल घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, बल्कि तत्काल रामपुर नैकिन थाने में शिकायत दर्ज कराई। यह कदम सिर्फ कानूनी नहीं था, यह एक सामाजिक संदेश था—कि अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना हर नागरिक का धर्म है।

यह विडंबना ही है कि जब बात ब्राह्मण समाज की आती है, तो कुछ लोग खुद को "ब्राह्मण शिरोमणि" कहने में नहीं हिचकिचाते। लेकिन जब सूरज जैसे युवक की हत्या होती है, तब वही लोग कुंभकर्ण की नीद सोते रहते हैं। राजेंद्र शुक्ला जैसे वरिष्ठ नेता, जो ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि माने जाते हैं, घटना स्थल पर नहीं पहुंचे। सवाल यह है—क्या ब्राह्मणत्व सिर्फ मंचों पर भाषण देने तक सीमित रह गया है?


अरुण गौतम ने दिखा दिया कि ब्राह्मणत्व का मतलब है—सत्य के लिए खड़ा होना, अन्याय के खिलाफ लड़ना, और गरीबों के लिए आवाज़ उठाना। उन्होंने जाति से ऊपर उठकर इंसानियत को प्राथमिकता दी।


सीधी की जनता आज सवाल कर रही है—जब सूरज की हत्या हुई, तब हमारे नेता कहाँ थे? रीति पाठक, जो खुद ब्राह्मण समाज से आती हैं, क्यों नहीं पहुंचीं? अजय सिंह राहुल, जो सीधी के "करता-धर्ता" माने जाते हैं, क्यों चुप रहे? और प्रदेश के मुखिया, जिनसे न्याय की उम्मीद थी, उन्होंने इस घटना को नजरअंदाज क्यों किया?

जनता यह भी कह रही है कि क्या यह चुप्पी जातिवाद नहीं है? क्या सूरज की हत्या पर प्रतिक्रिया न देना, एक वर्ग विशेष की उपेक्षा नहीं है?

अरुण गौतम की पहचान सिर्फ एक ब्राह्मण युवक के लिए आवाज़ उठाने तक सीमित नहीं है। वह हर उस व्यक्ति के लिए खड़े होते हैं जो अन्याय का शिकार होता है। उनकी संवेदना गरीबों के लिए है, वंचितों के लिए है, और उन लोगों के लिए है जिनकी आवाज़ अक्सर दबा दी जाती है।

उनका साहस, उनकी तत्परता और उनका सामाजिक दृष्टिकोण उन्हें एक मसीहा बनाता है—एक ऐसा मसीहा जो न तो पद का भूखा है, न प्रचार का। वह सिर्फ न्याय चाहता है।


और अगर सही मायनों में कहूं तो त्यौंथर क्षेत्र को एक ऐसे ही जनसेवक की जरूरत है जो पूंजीपतियों और रसूखदारों का नहीं गरीबों का सुने, गरीबों के हक के लिए लड़े।

 कमांडो अरुण गौतम का कहना है कि त्यौंथर क्षेत्र के गरीब लोगों को लिए एक मसीहा बनकर उभरे है लेकिन उनका समर्थन सोशल मीडिया में ज्यादा इसलिए नहीं दिखता क्योंकि गरीब लोग सोशल मीडिया का उपयोग न के बराबर करते है लेकिन क्षेत्र के गरीब और बेसहारा लोग ही कहते है जब भगवान भी नहीं सुनता हमारी विनती तो सिर्फ एक आदमी है जो आधी रात को हमारी आवाज सुनता है और मदद के लिए दौड़ा चला आता है।

वो है कमांडो अरुण गौतम।



शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025

तीर्थराज प्रयाग का श्रृंगवेरपुर धाम — जहाँ इतिहास, श्रद्धा और प्रकृति का संगम होता है

तीर्थराज प्रयाग का श्रृंगवेरपुर धाम — जहाँ इतिहास, श्रद्धा और प्रकृति का संगम होता है


निषादराज की धरती पर श्रीराम के पदचिह्न आज भी कराते हैं आध्यात्मिक अनुभूति




धर्म नगरी प्रयागराज मोक्षदायिनी मां गंगा का तट, हरियाली से आच्छादित घाट, भजन-कीर्तन की मधुर गूंज और प्रकृति की अद्भुत छटा — यह नजारा है तीर्थराज प्रयाग के श्रृंगवेरपुर धाम का। यह वही पावन भूमि है, जहाँ त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास की प्रथम रात्रि विश्राम किया था। निषादराज गुह्य ने यहां उनका भव्य स्वागत कर गंगा पार कराई थी। श्रृंगवेरपुर धाम प्रयागराज संगम तट से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है। त्रेता युग की स्मृतियों को जीवंत बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है। छह हेक्टेयर में फैला निषादराज पार्क श्रृंगवेरपुर की शोभा का केंद्र है। पार्क के मध्य में स्थापित 51 फीट ऊँची कांस्य प्रतिमा, जिसमें प्रभु श्रीराम और निषादराज गले मिलते दिखाए गए हैं, दूर से ही श्रद्धालुओं का ध्यान खींच लेती है। यह प्रतिमा सामाजिक समरसता और मानवता का अमर संदेश देती है। यहाँ बने टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर, संध्या घाट, रामघाट, सीताकुंड घाट, ओपन एयर थियेटर, चिल्ड्रेन प्ले एरिया, ध्यान केंद्र और आध्यात्मिक गैलरी इस धाम की भव्यता को चार चांद लगाते हैं। वहीं, निषादराज के किले के अवशेष श्रृंगवेरपुर के गौरवशाली अतीत की गाथा सुनाते हैं।श्रृंगवेरपुर धाम न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहाँ आने वाला हर श्रद्धालु प्रकृति, इतिहास और अध्यात्म — तीनों का अनूठा संगम अनुभव करता है।

प्रयागराज पुलिस की बड़ी कार्रवाई: अवैध पटाखा कारोबारियों पर गिरी गाज फूलपुर पुलिस ने दबोचे दो कारोबारी, 53 बोरी अवैध पटाखे किए जब्त

 प्रयागराज पुलिस की बड़ी कार्रवाई: अवैध पटाखा कारोबारियों पर गिरी गाज


फूलपुर पुलिस ने दबोचे दो कारोबारी, 53 बोरी अवैध पटाखे किए जब्त




धर्म नगरी प्रयागराज दीपावली से पहले प्रयागराज पुलिस ने अवैध पटाखा कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। एसीपी विवेक यादव के नेतृत्व में फूलपुर थाना पुलिस ने छापेमारी कर अंतरजिला स्तर पर अवैध पटाखों की आपूर्ति करने वाले दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने आरोपितों के कब्जे से कुल 53 बोरी अवैध पटाखे बरामद किए हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गिरजा शंकर जायसवाल और अंश केसरवानी के रूप में हुई है। दोनों लंबे समय से दीपावली और अन्य त्योहारों के दौरान बिना अनुमति पटाखों की खरीद- फरोख्त में सक्रिय थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि ये लोग शहर के बाहरी इलाकों में गोदाम बनाकर भारी मात्रा में पटाखे स्टोर कर रहे हैं। सूचना के आधार पर फूलपुर थाने की टीम ने छापेमारी कर दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसीपी विवेक यादव ने बताया कि अवैध विस्फोटक सामग्री रखने और बेचने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। ऐसे कारोबारियों पर एक्शन लगातार जारी रहेगा। बरामद किए गए पटाखों को जब्त कर थाना फूलपुर में मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि इनके सप्लाई नेटवर्क और अन्य साथियों की तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है।पुलिस सूत्रों के अनुसार, बरामद पटाखे बिना किसी सुरक्षा मानक के रखे गए थे, जो किसी भी समय विस्फोट का कारण बन सकते थे। समय रहते की गई इस कार्रवाई से एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने किया प्रयागराज स्वदेशी मेला-2025 का शुभारंभ


नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने किया प्रयागराज स्वदेशी मेला-2025 का शुभारंभ

स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में यूपी का ऐतिहासिक कदम



धर्म नगरी प्रयागराज गुरूवार को औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने गुरुवार को यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 के तहत जनपद प्रयागराज में 10 दिवसीय स्वदेशी उत्पाद मेले का उद्घाटन किया। भारत स्काउट गाइड इंटर कॉलेज में आयोजित इस मेले का शुभारंभ मंत्री ने फीता काटकर व दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने विभिन्न विभागों और संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्वदेशी उत्पादों के स्टॉलों का अवलोकन किया, उत्पादों की जानकारी ली और कई वस्तुएं स्वयं क्रय कर लोगों से भी स्वदेशी वस्तुएं खरीदने का आह्वान किया। मंत्री नंदी ने इस अवसर पर ओडीओपी योजना के तहत बेकरी ट्रेड की तीन महिलाओं—सुश्री ममता देवी, सुश्री अर्चना और सुश्री सीमा बानो—को टूलकिट प्रदान की। साथ ही मिशन शक्ति के तहत 30 बालिकाओं को प्रमाणपत्र वितरित किए। स्थानीय से वैश्विक तक—‘नया उत्तर प्रदेश’ औद्योगिक विकास की नई ऊँचाइयों पर मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास की नई ऊँचाइयों को छू रहा है। उन्होंने बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के पहले संस्करण का उद्घाटन राष्ट्रपति, दूसरे का उपराष्ट्रपति, और तीसरे का उद्घाटन प्रधानमंत्री के करकमलों से हुआ—यह अपने आप में ऐतिहासिक है। नंदी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के सभी 75 जनपदों में ट्रेड शो आयोजित करने का निर्णय लेकर स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन देने की नई क्रांति शुरू की है। उन्होंने कहा—“किसी भी अर्थव्यवस्था को गति देने में उसके मौलिक उद्योगों और स्थानीय उत्पादों की अहम भूमिका होती है। पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने ‘लोकल से ग्लोबल’ का जो रास्ता अपनाया है, उसने राज्य के औद्योगिक भविष्य की नींव मजबूत की है।” मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने के लक्ष्य की ओर ठोस कदमों के साथ तेजी से अग्रसर है। उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में प्रदेश के निर्यात में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें स्थानीय उत्पादकों, कारीगरों और एमएसएमई इकाइयों की अहम भूमिका रही है। मेला स्थल पर उद्योग, खादी बोर्ड, माटी कला, रेशम, हस्तकरघा और स्वयं सहायता समूहों के 50 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। सभी जनपदों ने अपने-अपने विशिष्ट उत्पादों का प्रदर्शन कर निर्यात की नई संभावनाओं का द्वार खोला है। प्रयागराज के प्रसिद्ध अमरूद और मूज उत्पादों को ओडीओपी और जीआई टैगिंग के तहत वैश्विक पहचान मिल चुकी है।नंदी ने कहा—“यह मेला छोटे उद्यमियों को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा। ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के सिद्धांत पर चल रहा नया उत्तर प्रदेश दिन- प्रतिदिन औद्योगिक प्रगति की नई ऊँचाइयों को छू रहा है।” जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का साझा आह्वान—स्वदेशी को अपनाएँ, देश को सशक्त बनाएं‌।इस अवसर पर विधायक डॉ. वाचस्पति (बारा) ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किया गया यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
वहीं विधायक गुरु प्रसाद मौर्य (फाफामऊ) ने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग से ही भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि इस मेले में प्रयागराज सहित अन्य जिलों के उद्यमी भी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि “ओडीओपी और स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर अच्छी आमदनी का अवसर पा रही हैं। यह आयोजन उनके लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म है।”इस अवसर पर भाजपा महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, गंगापार अध्यक्ष निर्मला पासवान, यमुनापार अध्यक्ष राजेश शुक्ला, बाबूलाल भौरा, मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह, उपायुक्त उद्योग शरद टंडन, उद्योग बंधु समिति सदस्य नटवरलाल भारतीया सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, उद्यमी और आमजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी द्वारा किया गया।

सर्पदंश न्यूनीकरण कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों को दिया गया प्रशिक्षण

सर्पदंश न्यूनीकरण कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों को दिया गया प्रशिक्षण



सर्पदंश के मामलों में त्वरित निर्णय और शीघ्र इलाज जरूरी—डीएम प्रयागराज


धर्म नगरी प्रयागराज राहत आयुक्त कार्यालय एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में सर्पदंश न्यूनीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित संगम सभागार में चिकित्सकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 25-25 चिकित्सकों के बैच में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रथम बैच में जनपद के 30 चिकित्साधिकारियों ने भाग लिया। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने सर्पदंश के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सकों को वैज्ञानिक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्य स्तर पर प्रबंधक (कार्मिक) शांतनु द्विवेदी ने कार्यक्रम का समन्वय किया, जबकि सर्पदंश कंसल्टेंट काव्या शर्मा ने प्रशिक्षण की तकनीकी रूपरेखा तैयार की। कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) विनीता सिंह और उप मुख्य चिकित्साधिकारी ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।

जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि चिकित्सकों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि सर्पदंश के मामलों में वे त्वरित निर्णय लें और इलाज की दिशा में शीघ्र कदम उठाएं, ताकि जीवन रक्षा सुनिश्चित हो सके।मास्टर ट्रेनर्स डॉ. रवि कुमार, डॉ. माधव कुमार बरनवाल, डॉ. दीपक कुमार और डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने विषैले व गैर-विषैले सर्पों की पहचान, सर्पदंश के लक्षण, तथा प्राथमिक उपचार की बारीकियों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हर सर्पदंश जानलेवा नहीं होता, परंतु पहचान में की गई लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है।विशेषज्ञों ने कहा कि रक्तस्राव, मांसपेशियों में कमजोरी, व सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों को पहचानकर चिकित्सक तत्काल इलाज प्रारंभ करें। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की भूमिका सिर्फ उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि समुदाय में जागरूकता फैलाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम का संचालन जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम द्वारा किया गया।

15 साल से सड़क के कुत्तों की फ़िक्र, अनुपमा की निस्वार्थ सेवा की कहानी

15 साल से सड़क के कुत्तों की फ़िक्र, अनुपमा की निस्वार्थ सेवा की कहानी



कुत्ते भी जानते हैं प्यार – अनुपमा की टाइमिंग का इंतजार कर जुटते हैं हर जगह


धर्म नगरी प्रयागराज 

 अनुपमा, प्रयागराज की वह महिला जो पिछले 15 वर्षों से सड़क पर रहने वाले करीब 100 कुत्तों की निस्वार्थ सेवा कर रही हैं। यह कुत्ते पालतू नहीं हैं, लेकिन अनुपमा की नियमितता और प्रेम ने उन्हें इतना आत्मीय बना दिया है कि वह उनके आने से एक-डेढ़ घंटे पहले ही स्थान पर पहुंच जाते हैं।अनुपमा हर दिन अपने हाथ से तैयार किया खाना स्कूटी पर रखकर कुत्तों को खिलाने निकलती हैं। उनकी स्कूटी की समय-सारणी और स्थान इतने निश्चित हैं कि कुत्तों को किसी प्रकार का इंतजार या भ्रम नहीं होता। जैसे ही अनुपमा वहां पहुँचती हैं, कुत्ते उनकी ओर दौड़ते हैं, उन्हें घेर लेते हैं और उनके साथ बैठकर खाना खाते हैं। सिर्फ भोजन ही नहीं, अनुपमा की स्कूटी में कुत्तों के लिए दवा और अन्य जरूरी सामान भी रहता है। अगर कोई कुत्ता बीमार दिखाई देता है तो तुरंत उसकी दवा देती हैं। उनका अगला लक्ष्य इन सभी कुत्तों को रेबीज का टीका लगवाना है, जिसके लिए वह सरकारी अस्पतालों से संपर्क कर रही हैं। अनुपमा ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कुत्तों को पीने के लिए पर्याप्त पानी मिले। इसके लिए उन्होंने कई जगह पानी के डिब्बे रखवाए हैं, जिनमें अपार्टमेंट के सुरक्षा कर्मी नियमित रूप से पानी भरते हैं।अनुपमा कहती हैं, "जानवर भी प्रेम के भूखे होते हैं। उन्हें भी अपनेपन का आभास होता है। जैसे ही मैं पहुंचती हूं, वह मुझे चारों तरफ़ से घेर लेते हैं, लगता है जैसे वे मुझसे बातें करना चाहते हों। यह सेवा मुझे अपार शांति और सुकून देती है।"15 साल की लगातार सेवा ने अनुपमा को न केवल कुत्तों की रक्षक बना दिया है, बल्कि यह दिखाता है कि इंसान और जानवरों के बीच का संबंध भी गहरा और भावपूर्ण हो सकता है।

मकान की मरम्मत के दौरान ढह जाने से युवक की मौत, अस्पताल ले जाने से पहले ही तोड़ा दम

 मकान की मरम्मत के दौरान ढह जाने से युवक की मौत, अस्पताल ले जाने से पहले ही तोड़ा दम





धर्म नगरी प्रयागराज यमुनापार तहसील बारा 

घूरपुर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत अमिलिया गांव में एक मकान की मरम्मत के दौरान हादसा हो गया। मलबे में दबकर प्रदीप पटेल(28वर्ष) की मौत हो गई। मृतक प्रदीप पटेल पुत्र स्व राजबहादुर निवासी ललसहिया, मोहनी का पूरा, सेमरा, कलबना, घूरपुर का निवासी था। वह गुरुवार शाम को अपनी ससुराल अमिलिया गांव आया हुआ था, जहां पुराने मकान की मरम्मत का काम चल रहा था। परिजनों के मुताबिक, परिवार वाले पुराने मकान को तोड़कर नया निर्माण कराना चाहते थे। ससुराल वाले जेसीबी मशीन से मकान गिराने की बात कह रहे थे, लेकिन प्रदीप ने खुद ही हथौड़े से दीवार गिराना शुरू कर दिया। इसी बीच अचानक मकान का एक बड़ा हिस्सा भडरभराकर गिर पड़ा, और प्रदीप उसके मलबे के नीचे दब गया। आसपास मौजूद परिजनों और ग्रामीणों ने उसे आनन-फानन में बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी सांसें थम चुकी थीं। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। इस हादसे की सूचना मिलते ही उसके घर और ससुराल में कोहराम मच गया। थाना प्रभारी घूरपुर दिनेश सिंह ने बताया कि मृतक प्रदीप पटेल के ससुर मानिकलाल ने बताया कि जर्जर मकान की मरम्मत कराई जा रही थी, तभी मेरे दामाद प्रदीप पटेल पर दीवाल गिर गई। मलबे से बाहर निकलने तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। गांव वालों ने प्रदीप को मेहनती और मिलनसार बताया, जो मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता रहा। उसके आकस्मिक निधन से गांव में शोक की लहर है। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है और मरम्मत कार्य के दौरान हुई सम्भावित लापरवाही की भी जांच की जा रही है।

समय रहते खाद न मिलने पर किसानों ने समिति पर भेदभाव, भ्रष्टाचार का आरोप सचिव ने दिया जवाब तो ऐसे में जिम्मेदार कौन?

समय रहते खाद न मिलने पर किसानों ने समिति पर भेदभाव, भ्रष्टाचार का आरोप सचिव ने दिया जवाब तो ऐसे में जिम्मेदार कौन?




धर्म नगरी प्रयागराज यमुनापार बारा 

तहसील क्षेत्र से सटे विकासखंड मऊ के अन्तर्गत बरगढ़ में खाद न मिलने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। गाहुर स्थित साधन सहकारी समिति से खाद न मिलने के चलते अब बुवाई पिछड़ रही है। किसानों का आरोप है कि समिति द्वारा आधार कार्ड जमा कराने के बाद भी खाद नहीं दी जाती।रमेश,बालकृष्ण,अमित, सोनू और शिवाकांत आदि किसानों ने समिति संचालक पर भेदभाव के साथ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि खाद वितरण क्रम से नहीं किया जा रहा है। इस मामले में समिति के सचिव श्रीराम मिश्रा ने बताया कि खाद वितरण क्रम से ही किया जाता है। सभी किसानों के आधार कार्ड जमा कर क्रमानुसार ही सूची चस्पा कर खाद वितरण किया जाता है। प्रतिदिन करीब 150 से 200 किसानों को खाद वितरित की जा रही है, और अगले दिन भी इसी क्रम से वितरण किया जाता है। सचिव श्रीराम ने स्पष्ट किया कि खाद की कोई कमी नहीं है। केवल समिति के सदस्य या वे किसान जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे हैं , उन्हें ही खाद वितरित की जा रही है। जो किसान समिति के सदस्य नहीं हैं, उन्हें खाद नहीं दी जाती। सचिव के अनुसार, खाद वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। आधार कार्ड जमा करने और सूची में नाम होने के क्रम से ही खाद वितरण किया जा रहा है।

उड़ीसा से तस्करी कर लाया जा रहा 176 किग्रा अवैध गांजा बारा क्षेत्र में बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार

उड़ीसा से तस्करी कर लाया जा रहा 176 किग्रा अवैध गांजा बारा क्षेत्र में बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार




धर्म नगरी प्रयागराज यमुनापार तहसील व थाना बारा अंतर्गत एसटीएफ और बारा पुलिस ने दबोचा प्रतिबंधित नशीले पदार्थ के गिरोह 

उत्तर प्रदेश में आंध्रप्रदेश व उड़ीसा से गांजा तस्करी का कारोबार संचालित हो रहा है। यह गिरोह प्रयागराज के रास्ते न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि बिहार में भी सप्लाई करता है। शुक्रवार को इस अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ एसटीएफ लखनऊ की टीम ने बारा थाना क्षेत्र में किया। छापेमारी के दौरान दो तस्करों को दबोचा गया, जिनके कब्जे से करीब 44 लाख रुपए का 176 किग्रा गांजा बरामद हुआ। यह कार्रवाई बारा थाना क्षेत्र स्थित गौहानी रोड पर रात करीब एक बजे के आसपास हुई। मौके से दो तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें बदरूद्दीन पुत्र सैयदुद्दीन, निवासी ग्राम ज्ञानीपुर, थाना शिवगढ़, सुल्तानपुर और मिथिलेश यादव पुत्र हरिश्चन्द्र यादव निवासी ग्राम आशापार, थाना खजनी, जिला गोरखपुर शामिल हैं। इनके पास से अवैध गांजे के अलावा दो मोबाइल फोन,2220 रुपए नकदी और एक डीसीएम ट्रक बरामद किया गया है। पूछताछ में गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि उनका गिरोह लंबे समय से उड़ीसा और आंध्रप्रदेश से अवैध गांजे की तस्करी कर रहा है। गिरोह का संचालन राकेश यादव नामक सरगना करता है, जो दक्षिण भारत के क्षेत्रों में अच्छी क्वालिटी का गांजा कम दामों में मंगवाकर उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में महंगे दामों में बेचता है। तस्करों ने बताया कि वे आंध्रप्रदेश व उड़ीसा से गांजे की खेप मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रास्ते उत्तर प्रदेश में लाते थे। खेप को आम मालवाहक वाहनों में छिपाकर लाया जाता था,ताकि, चेकिंग के दौरान पुलिस को शक न हो, और प्रयागराज व आसपास के जिलों में इसे तमाम छोटे सप्लायरों को दिया जाता रहा। एसटीएफ को हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मादक पदार्थों की बढ़ती आपूर्ति को लेकर सूचनाएं मिल रही थीं। जांच में पता चला कि एक संगठित गिरोह दक्षिण भारत से गांजा मंगवाकर यूपी, बिहार में सप्लाई करवा रहा है। इसी जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में यह जाल बिछाया गया, जिसमें दो तस्कर पकड़े गए। दोनों आरोपियों के खिलाफ बारा थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों, खासकर सरगना राकेश यादव की तलाश में जुटी है। एसटीएफ के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अभियान तेज किया गया है। आंध्रप्रदेश व उड़ीसा से आने वाले वाहनों पर विशेष नजर रखी जा रही है।

कई दिनों से अंडरपास में जलभराव होने से बच्चों व राहगीरों को पार करना पड़ रहा है रेलवे ट्रैक

कई दिनों से अंडरपास में जलभराव होने से बच्चों व राहगीरों को पार करना पड़ रहा है रेलवे ट्रैक




धर्म नगरी प्रयागराज 

यमुनानगर (करछना)

बसरिया अंडरपास में जलभराव होने से स्कूली बच्चों व राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिया के नीचे कई दिनों से भरा पानी अभी तक सूखा नहीं है। ऐसे में स्कूल जाने वाले छात्र प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करने पर बाध्य हैं। इस दौरान ट्रेन की चपेट में आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अंडरपास पुलिया निर्माण कार्य तो कई वर्षों पहले शुरू हुआ था, लेकिन जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं थी। आसपास की नालियों और बारिश का पानी पुलिया के नीचे इकट्ठा हो जाता है, जिससे आवागमन बाधित होता है। नतीजा यह होता है कि पैदल चलने वाले, साइकिल सवार और स्कूली बच्चे पानी भरे रास्ते में जाने के बजाय रेलवे ट्रैक पार करने की कोशिश करते हैं, जो बेहद खतरनाक है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार स्थानीय प्रशासन एवं रेलवे विभाग को सूचना दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका। बारिश खत्म होने के बावजूद अब तक जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं हुई है। जिससे लोगों में गहरा आक्रोश है। लोगों ने बताया कि यदि शीघ्र ही जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होती तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। फिलहाल ग्रामीणों, राहगीरों एवं बच्चों को प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ती है।

प्रह्लाद ने खंभे से नृसिंह को प्रगट करके सिद्ध कर दिया कि कण कण में भगवान हैं

 प्रह्लाद ने खंभे से नृसिंह को प्रगट करके सिद्ध कर दिया कि कण कण में भगवान हैं।

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आज तीसरे दिन भगवान भगवत की कथा के कुछ संक्षेप सार इस प्रकार रहा -वेदों पुराणों गीता एवं सनातन धर्म संबंधित सभी ग्रंथ और पंथ ने परमात्मा के सर्वव्यापी होने में एक मत हैं। गीता में भगवान कृष्ण अर्जुन से बार बार कहते हैं ईश्वरः सर्व भूतानाम्। एक एक कण और परमाणु में ईश्वर की सत्ता विद्यमान है किन्तु प्रह्लाद ने तो इस सिद्धांत को समाज के सामने प्रत्यक्ष प्रकट कर दिया।नीबी लोहगरा में पं अमरनाथ दूबे के आवास पर तृतीय दिवस भागवत कथा प्रवक्ता मानस महारथी पं निर्मल कुमार शुक्ल ने ध्रुव और प्रह्लाद चरित्र की व्याख्या करते हुए उक्त उद्गार व्यक्त किए। आपने कहा नारद बाबा के चार शिष्य हैं जिनमें दो बृद्ध और दो बालक हैं किन्तु ए चारों अद्वितीय हैं। वृद्ध शिष्यों में वाल्मीकि और व्यास हैं वैसे ही बालक शिष्यों में ध्रुव और प्रह्लाद जी हैं। ‌ध्रुव ने सौतेली माता के अपमान से दुखी होकर इतनी कठिन तपस्या किया कि मात्र पांच महीने में ही भगवान प्रकट हो गए।नारद के दूसरे बालक शिष्य प्रह्लाद की कथा तो विश्व में एक कीर्तिमान स्थापित कर गई।ए हिरण्यकशिपु नामक दुर्दांत राक्षस के पुत्र थे। हिरण्यकशिपु स्वयं को भगवान मानता है किसी अन्य की सत्ता पर उसे विश्वास नहीं था। उसने तीनों लोकों को जीत लिया इन्द्र आदि देवता उसके शरणागत हो गये उसके राज्य में कोई देव मंदिर नहीं रह गया सब तोड़ दिए गए।यज्ञ हवन पूजन वेद पुराण दान तीर्थ सब पर प्रतिबंध लगा दिए चारों ओर अनीति अधर्म का तांडव होने लगा।ऐसी विकट परिस्थिति में प्रह्लाद जी का जन्म हुआ ए जब गर्भ में थे तभी इनकी माता को नारद जी ने गुरु मंत्र दिया था और गर्भ में बैठे इस बालक ने भी वह मंत्र सुन लिया था।जन्म से ही धार्मिक स्वभाव के थे छोटे छोटे बच्चों को लेकर प्रेम से कीर्तन किया करते थे। पिता ने बहुत रोका किंतु इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा ज्यों ज्यों विरोध बढ़ता गया त्यों-त्यों इनका विश्वास भी बढता गया।अंत में हिरण्यकशिपु ने इन्हें राक्षसी विद्या ग्रहण करने के लिए गुरुकुल में भेजा वहां भी ए विद्यार्थियों के साथ बैठकर कीर्तन करते। पिता ने लाख प्रयास किया किंतु इन्हें विचलित नहीं कर सका अंत में हिरण्यकशिपु ने इन्हें मारने का विचार किया। पर्वत के उच्च शिखर से गिराया गया किन्तु भगवान ने अपनी विशाल भुजाएं फैला कर इन्हें गोद में उठा लिया गहरे समुद्र में फेंक दिया भगवान वहां भी नौका बनकर आ गये खीर में जहर मिला कर खिलाया गया वहां भी भगवान ने इनकी रक्षा किया। प्रह्लाद की बुआ को शंकर जी ने एक शाल दिया था और कहा था कि इसे ओढ़ कर अगर तूं आग में प्रवेश कर जाएगी तो इसके प्रभाव से भस्म नहीं होगी। हिरण्यकशिपु ने उस होलिका की गोद में बैठाकर इन्हें जलती चिता में बैठा दिया भगवान की कृपा से हवा का ऐसा झोंका आया कि वह शाल उड़ कर इनके ऊपर आ गई इनका बाल भी बांका नहीं हुआ होलिका जल कर राख हो गई। तबसे होली का त्योहार मनाया जाने लगा।सारे उपाय करके हिरण्यकशिपु हार गया अंत में सभा में बुलाकर इनसे कहने लगा बोल तेरा परमात्मा कहां है प्रह्लाद ने कहा मेरे भगवान सब जगह हैं तो क्या इस खंभे में भी हैं बालक निर्भीक बोल उठा हां इस खंभे में भी मेरा परमात्मा है। हिरण्यकशिपु ने दौड़ कर खंभे में मुष्टिका प्रहार किया महान आश्चर्य भयंकर आवाज हुई दशो दिशाएं कांप उठीं समुद्र में सुनामी आ गई धरती पर भूकंप आ गया पर्वत शिखर टूटकर गिरने लगे और खंभे को फाड़कर भगवान नृसिंह प्रकट हो गए।घन गर्जना करते हुए अपने तीखे नखों से हिरण्यकशिपु का उदर विदीर्ण करके टुकड़े टुकड़े फाड़कर हिरण्यकशिपु को फेक दिया और प्रह्लाद को गोद में बैठाकर दुलार करने लगे।इस प्रकार प्रह्लाद ने सिद्ध कर दिया कि कण कण में भगवान भरे हुए हैं। इससे पूर्व विद्वान वक्ता ने जड भरत महाराज ऋषभदेव वृत्तासुर आदि पात्रों की विलक्षण कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।आज कथा में पं प्रभाकर शुक्ल डा दिवाकराचार्य त्रिपाठी भोला गर्ग राम कृष्ण मिश्र राम कीर्तन मिश्र राकेश चंद्र त्रिपाठी गणेश पाण्डेय कमला कांत त्रिपाठी प्रकाश चंद्र मिश्रा रामचंद्र पाल सुग्रीव शुक्ला जी मदन महाकाल इत्यादि गणमान्य श्रोताओं की उपस्थिति रही।पं अभय शंकर दूबे हृदय शंकर दूबे अमिय शंकर दूबे एवं अनिय शंकर दूबे ने आचार्य जी एवं सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा क्षेत्र के समस्त धर्म प्रेमी सज्जनों से अधिकाधिक संख्या में पधारकर कथामृत पान करने का आग्रह किया है।यह कथा गंगा दि 14 तक प्रतिदिन दिन दोपहर 2/30 से 6 बजे तक प्रवाहित होगी।

गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

ग्राम सभा नीबी लोहगरा में श्रीमद् भागवत कथा का भी भव्य आयोजन, श्रोताओं ने लिया आध्यात्मिक आनंद

 ग्राम सभा नीबी लोहगरा में श्रीमद् भागवत कथा का भी भव्य आयोजन, श्रोताओं ने लिया आध्यात्मिक आनंद


भागवत में भगवान श्रीकृष्ण का अक्षराकार स्वरूप, शांति और समृद्धि का संदेश




धर्म नगरी प्रयागराज यमुनानगर तहसील बारा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा नीबी लोहगरा में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया। भागवत में भगवान श्रीकृष्ण का अक्षराकार स्वरूप प्रस्तुत किया गया। शास्त्रों में भगवान की विभिन्न मूर्तियों का वर्णन है—पाषाण, रत्न, लकड़ी, मिट्टी और सोने से निर्मित। इसी प्रकार भागवत भगवान की अक्षरों से बनी विशेष मूर्ति मानी जाती है। भागवत में कहा गया है कि कल्पवृक्ष स्वर्ग की और चिंता मणि पृथ्वी लोक की समस्त संपत्ति देने में समर्थ हैं, जबकि भागवत स्वयं भगवान को देने में समर्थ है। जिस घर में प्रतिदिन भागवत पाठ होता है, वहां सारी व्याधियां समाप्त हो जाती हैं। भूत-प्रेत, बाधाएं, ब्रह्म-पिशाच आदि भागवत कथा से दूर हो जाते हैं। महाराष्ट्र से पधारे हुए सुप्रसिद्ध कवि और साहित्यकार पं. निर्मल कुमार शुक्ल ने कथा के दूसरे दिवस विशाल श्रोताओं को भाव-विभोर करते हुए देवर्षि नारद जी के पूर्व जन्म, परीक्षित के जन्म, कलियुग का दमन, श्रृंगी ऋषि द्वारा राजा को सातवें दिन तक्षक नाग का शाप और शुकदेव आगमन की कथाओं का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने सृष्टि रचना का विवरण देते हुए कहा कि भगवान के शरीर से पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि आदि महाभूत प्रकट होते हैं। नाभि-कमल से ब्रह्मा जी का प्रादुर्भाव होता है। ब्रह्मा जी के शरीर से वाराह भगवान प्रकट होकर हिरण्याक्ष का वध कर पाताल लोक से पृथ्वी लाते हैं। ब्रह्मा के शरीर के दक्षिण भाग से महाराज मनु और वाम भाग से देवी सतरूपा का जन्म होता है, जिनसे मानव सृष्टि की रचना होती है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व समाजसेवी स्व. पं. जंगी राम दूबे की स्मृति में उनके सुपुत्र पं. अमरनाथ दूबे द्वारा आयोजित भागवत भगवान् कथा महोत्सव में पं. महेंद्र शुक्ल, डा. आशाराम शुक्ल, कमलाकांत तिवारी, राज हंस तिवारी, पं. भोलानाथ दूबे, नवनीत मिश्र, चंद्रमणि मिश्र, बलदेव सिंह, दिवाकराचार्य त्रिपाठी, रामकृष्ण मिश्र, अभिराम त्रिपाठी सहित क्षेत्र के अनेक विशिष्ट महानुभाव उपस्थित रहे। पं. अभय शंकर दूबे, हृदय शंकर दूबे, अमिय शंकर दूबे और अनिय शंकर दूबे ने अतिथियों का स्वागत किया। दूबे परिवार ने सभी क्षेत्रीय श्रद्धालु श्रोताओं से अधिकाधिक संख्या में पधारकर इस आध्यात्मिक कथा में भाग लेने और भक्ति भाव रुपी गंगा में स्नान करने का आग्रह किया। यह कथा भागीरथी, दिनांक 14 तक प्रतिदिन मध्याह्न 2:30 से 6 बजे तक प्रवाहित होगी।